
भारतीय सेना को किसी सबूत की जरुरत नहीं है लेकिन जिस तरह से देश के कई हिस्से अशांत हैं और इसलिए ही सेना के साहस की सराहना और आभार जताने की आज जरुरत है और यही बात पूरजोर ढंग से आदित्य धर की फिल्म उरी: द सर्जिकल स्ट्राइक कहती है।
अब सेना का जो असली ऑपरेशन हुआ था वो इतना लंबा नहीं था और दर्शकों को इतनी देर तक बांधे रखने के लिए फिल्म में सर्जिकल स्ट्राइक दिखाने से पहले एक कहानी दिखाई गई है । फिल्म की शुरुआत मणिपुर में सेना के रक्षा दल पर आतंकियों के हमले से होती है। इसका बदला लेने के लिए मेजर विहान शेरगिल ( विकी कौशल ) की अगुवाई में एक छोटी टीम जाती है और बिना एक भी सैनिक गंवाए आतंकियों के शिविर उड़ा देती है।
विजय भोज में विहान अपनी बीमार मां ( स्वरुप संपत ) की देखभाल के लिए सेवानिवृत होने की इच्छा जाहिर करता है लेकिन प्रधानमंत्री ( रजित कपूर ने मोदी की भूमिका निभाई है ) जोर देते हैं कि वो सेना में फील्ड पर ना रहकर दफ्तर में डेस्क पर काम कर ले और घर पर एक नर्स रख ले। फिल्म में खुशहाल शेरगिल परिवार के कुछ सीन हैं और तभी पाकिस्तानी आतंकी ( भारतीय सेना की वर्दी में आते हैं ) एकाएक कश्मीर के उरी के सैन्य कैंप पर हमला कर देते हैं जिसमें विहान का साला ( मोहित रैना ) अन्य सैनिकों के साथ शहीद हो जाता है।
प्रधानमंत्री और उनके सुरक्षा सलाहकार गोविंद ( परेश रावल का किरदार अजित डोवल पर आधारित है) ये तय करते है कि अब बहुत हुआ, भारत को अपने राष्ट्रीय गौरव की दृढ़ता दिखाने के लिए पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में स्थित आतंकियों के शिविरों पर हमलाकर दोषियों को सजा देने का वक्त आ गया है। फिल्म फैसला लिए जाने के समय से रफ्तार और खिंचाव पकड़ती है और मिशन खत्म हो जाने तक उसे बनाए रखती है ।
खुफिया अधिकारी पल्लवी ( यामी गौतम ), मुखबिरों की टीम, जासूसों और तकनीकी एक्सपर्ट्स और एक युवा और गुस्ताख ड्रोन ऑपरेटर ( आकाशदीप अरोरा ) की मदद से गोविंद आतंकियों के अड्डों का पता लगाता है जबकि विहान इस हमले की अगुवाई करने फील्ड की ड्यूटी पर लौट आता है। विहान उरी हमले में शहीद हुए सैनिकों के यूनिट से उनके साथियों को चुनता है और बदला लेने के लिए उनमें जोश भरता है।
ये तो पता है कि फिल्म में होगा क्या इसलिए निर्देशक धर ने इन लाइनों ( तुम हमारे घर में आकर हमारे भाईयों की जान लेते हो, अब हम तुम्हारे घर में घुसकर तुम्हें मारेंगे ) से भावनाओं को उभारने की कोशिश की है। लोगों की भावनाएं उमड़े इसके लिए फिल्म में उस ऑपरेशन के दौरान हाथ से लड़ते हुए द्वंद युद्ध भी दिखाया गया है जबकि ऐसे मिशन बेहद गुप्त और तेजी से किए जाते हैं , ये सीन हास्यास्पद लगता है । फिल्म में मिशन के सीन जीरो डॉर्क थर्टी जैसे ही दिखते हैं बस उसमें वो विलक्षणता नहीं है जो हॉलीवुड की इस फिल्म में है। इस फिल्म में सभी पुरुष किरदार हो सकते थे लेकिन धर ने लड़ाकू विमान पायलट के छोटे लेकिन अहम रोल में गौतम और कीर्ति कुल्हारी को दिखाया है।
ये फिल्म जरुर लोकप्रिय विषय पर बनी है और ये सत्तारुढ पार्टी के आक्रामक एजेंडे को आगे बढ़ाती है लेकिन ऐसे समय में जब आतंकी खतरा हमारे सिर पर लटका हुआ है तो ये फिल्म लोगों को ये भरोसा दिलाती है कि अगर नेतृत्व मजबूत है तो ऐसी कोई चुनौती नहीं है जिसका सामना भारतीय सेना नहीं कर सकती है।ये फिल्म सशस्त्र सेनाओं को शुक्रिया कहने की एक अच्छी कोशिश है। हालांकि फिल्म में जो न्यू इंडिया के दावे को आगे बढ़ाया गया है उस पर तर्क वितर्क हो सकता है।
उरी : द सर्जिकल स्ट्राइक
निर्देशक – आदित्य धर
कलाकार – विकी कौशल, परेश रावल, रजित कपूर, मोहित रैना और अन्य
रेटिंग – 3 स्टार

Deepa Gahlot is one of India’s seniormost and best known entertainment journalists. A National Awardwinning film critic, Deepa has watched more movies and theatre than most people in the country. An author of several books on film and theatre, she has had an extremely successful run as head of theatre and film at the National Centre for Performing Arts, Mumbai, during which she helped nurture several original productions. For Xyngr, Deepa Gahlot reviews theatre and cinema.